रासायनिक परिवर्तन

अक्सर कुछ पदार्थ जैसे होते हैं उनमें कुछ बदलाव के कारण वह नया रूप धारण कर लेते हैं जिन्हें रसायनिक परिवर्तन कहा जाता हैं। इस आर्टिकल में आप रासायनिक परिवर्तन किसे कहते हैं, गुण, उदाहरण इत्यादि विस्तार से समझेंगे।

रसायनिक परिवर्तन क्या हैं दो उदाहरण दीजिए ?

जब कोई पदार्थ किसी अन्य पदार्थ से संयोग करके एक नए पदार्थ बनाता है और उसके गुण, रंग आकार, संरचना आदि में भी परिवर्तन हो जाता है तो उसे “रसायनिक परिवर्तन” (Chemical Change) कहा जाता है।

अन्य उदाहरण

रसायनिक परिवर्तन वह परिवर्तन है जिसके फलस्वरूप पदार्थ नए पदार्थ में परिवर्तित हो जाता है जिसके गुण, संरचना, द्रव्यमान आदि मूल पदार्थ से पूर्णतः अलग होते हैं और परिवर्तन लाने वाले कारण को हटा लेने पर भी पदार्थ अपने मूल अवस्था में नहीं आ पाता है।

रासायनिक परिवर्तन का उदाहरण

इसके उदाहरण निम्नलिखित है जो नीचे की पंक्ति में कुछ इस प्रकार से दिए गए हैं –

  • लोहे में जंग लगना
  • शरीर में भोजन का पचना
  • कोयले का जलना
  • मोमबत्ती का जलना
  • पत्तों का सूखना
  • दूध का पनीर बनना
  • फलों का पकना
  • दूध का दही बनना

लोहे में जंग लगना

जब लोहे को आर्द्र वायु में छोड़ दिया जाता है तो कुछ दिनों के बाद उसमें जंग लगना शुरू हो जाता है। जंग के गुण, संरचना, लोहे के गुण से बिल्कुल अलग होते हैं। लोहे पर लगे जंग को किसी भी भौतिक विधि के द्वारा पुनः लोहे में परिवर्तित नहीं किया जा सकता हैं। अतः लोहे में जंग का लगना एक रासायनिक परिवर्तन हैं।

शरीर में भोजन का पचना

हमारे शरीर में भोजन का पचना एक रासायनिक परिवर्तन हैं। खाद्य पदार्थ शरीर में जाकर ग्लूकोस जैसे सरल पदार्थों में परिवर्तित हो जाते हैं। पुनः ग्लूकोस आक्सीकृत होकर कार्बन डाइऑक्साइड बनाता है तथा इस क्रिया में ऊर्जा का उत्सर्जन होता है सांस छोड़ने के क्रम में कार्बन एक्साइड शरीर से बाहर निकल जाती है तथा उर्जा शरीर द्वारा उपयोग में लाई जाती हैं। मूल खाद्य पदार्थ का पुनः निर्माण नहीं हो पाता।

कोयले का जलना

कोयला एक काला ठोस पदार्थ हैं। यह आक्सीजन में जलकर कार्बन डाइऑक्साइड गैस बनाता हैं। कार्बन डाइऑक्साइड गैस अज्वलनशील होता है तथा किसी जलती हुई वस्तु को बुझा देता है इस गैस के गुण कोयले के गुण से बिल्कुल अलग होते हैं। अतः कोयले का जलना एक रासायनिक परिवर्तन है।

रसायनिक परिवर्तन के गुण लिखिए

रसायनिक परिवर्तन को पहचानने का गुण निम्नलिखित है जो नीचे इस प्रकार से दिए गए हैं –

  • इस प्रकार के परिवर्तन में नया पदार्थ बनता हैं लेकिन पहले जैसा था वैसा नहीं हो पाता हैं।
  • उनके रंग, रूप, संरचना आदि में परिवर्तन हो जाता हैं।
  • पुनः वह पदार्थ अपने पुराने अवस्था में नहीं आ पाता हैं।

By Chandan Kumar

Hello My Name Is Chandan Kumar Pal. I am a Writer and Founder of dtution.com

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