पिछले आर्टिकल में मैंने आपको पदार्थ, कोलाइड, रासायनिक एवं भौतिक परिवर्तन के बारे में बताया । आज के इस पोस्ट में आप रासायनिक समीकरण क्या हैं, रासायनिक समीकरण से प्राप्त होने वाली सूचनाएं इत्यादि को विस्तार पूर्वक समझेंगे।
वैसा समीकरण जो किसी भी रसायनिक अभिक्रिया को अभिकारकों (Reactants) तथा प्रतिफलों (results) के सूत्रों एवं संकेतों की मदद से छोटे रूप में प्रदर्शित करते हैं ‘रसायनिक समीकरण’ कहलाते हैं।
रसायनिक समीकरण क्या हैं?
किसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थों के संकेतों (Symbol) और सूत्रों (Formula) का उपयोग करके अभिक्रिया के निरूपण का संक्षिप्त रूप ही रसायनिक समीकरण Chemical Equation कहलाता हैं।
जितने भी रसायनिक अभिक्रियाएं होती हैं उनको रासायनिक समीकरणों के द्वारा ही प्रकट किया जाता है इसकी अन्य परिभाषाएं कुछ इस प्रकार से भी दी जा सकती हैं –
जब कोई एक पदार्थ किसी दूसरे पदार्थ से संयोग कर अभिकारक तथा उत्पादों के संकेत एवं सूत्रों की सहायता से सूक्ष्म रूप में प्रदर्शित किए जाते हैं तो उसे हम रसायनिक समीकरण कहते हैं।
रसायनिक अभिक्रिया को संक्षेप में समझाइए
रसायनिक अभिक्रिया में जो पदार्थ भाग लेते हैं उसे अभिकारक कहा जाता है जबकि उनसे निर्मित पदार्थ को प्रोडक्ट अर्थात प्रतिफल कहा जाता हैं।
- अभिकारक और प्रतिफल के बीच में एक संकेत के रूप में तीर चिन्ह (→) का प्रयोग किया जाता है जो लेफ्ट से राइट (Left to Right) की ओर निर्देश करता हैं।
- अगर इस सांकेतिक (→) तीर चिन्ह के दोनों तरफ यदि अभिकारक अथवा प्रतिफल या उत्पाद एक से अधिक हैं तो उनके बीच (+) जोड़ का निशान/ चिन्ह दिया जाता हैं।
आइए इसे उदाहरण के माध्यम से समझते हैं –
रसायनिक समीकरण के उदाहरण
H2O अर्थात् जल
जब हाइड्रोजन (H) और ऑक्सीजन (O) के मध्य (बीच) संयोग कराया जाता है तो उसके परिणामस्वरुप जल प्राप्त (H2O) होता हैं। इस अभिक्रिया को कुछ इस प्रकार से भी व्यक्त किया जा सकता हैं –
2H2O + O2 → 2H2O
अभिकारक → प्रतिफल
एक और अन्य उदाहरण के माध्यम से समझते हैं –
कैल्शियम कार्बोनेट अर्थात् की चुना पत्थर को गर्म करने पर कैल्शियम ऑक्साइड और कार्बन डाई ऑक्साइड (Co2) बनता हैं। जिसकी अभिक्रिया नीचे कुछ इस प्रकार से दी गई हैं –
CaCo3 → CaO + Co2
रसायनिक समीकरण से प्राप्त होने वाली सूचनाएं
आइए अब इस समीकरण से प्राप्त होने वाली सूचना के बारे में समझते हैं –
उदाहरण के लिए H2 + Cl2 → 2HCl को लेते हैं।
इस रासायनिक समीकरण से आपको कई अधिक सूचनाएं प्राप्त होती है जो नीचे के पंक्ति में कुछ इस प्रकार से दी गई हैं –
- जब हाइड्रोजन (H) और क्लोरीन (Cl) के बीच अभिक्रिया कराया गया तो वह हाइड्रोजन क्लोराइड प्राप्त हुआ।
- हाइड्रोजन और क्लोरीन दोनों के एक-एक अणु संयोग करके हाइड्रोजन क्लोराइड के दो अणु बनाते हैं।
- यदि भार की दृष्टिकोण से देखा जाए तो हाइड्रोजन के 2×1.008 या 2.016 g क्लोरीन के 2×35.5 या फिर 71.0 g के साथ संयोग करके 2(1.008 + 35.5) या 73.016 g हाइड्रोजन क्लोराइड बनाते हैं।
- 1 ग्राम अणु आयतन (22.4L) हाइड्रोजन, 1 ग्राम अणु आयतन (22.4L) क्लोरीन के साथ संयोग करके 2 ग्राम- अणु आयतन (44.8L) हाइड्रोजन क्लोराइड बनाता है।
ध्यान देने योग्य – किसी यौगिक का ग्राम में व्यक्त अणुभार 1 ग्राम-अणु कहलाता है।