प्रकृति में होने वाले परिवर्तनों को दो भागों में विभाजित किया गया हैं – a. रासायनिक परिवर्तन b. भौतिक परिवर्तन। पिछले आर्टिकल में आपने रासायनिक परिवर्तन को समझा। इस पोस्ट में भौतिक परिवर्तन किसे कहते हैं, भौतिक परिवर्तन के उदाहरण, भौतिक परिवर्तन के गुण इत्यादि को समझेंगे।
भौतिक परिवर्तन किसे कहते हैं?
वैसा पदार्थ जो किसी अन्य पदार्थ से संयोग करके नया पदार्थ नहीं बनाता है या फिर बनाता भी है तो कुछ समय के पश्चात वापस अपने पुराने अवस्था में आ जाता है तो उसे भौतिक परिवर्तन कहा जाता हैं।
अन्य शब्दों में भौतिक परिवर्तन की परिभाषा
भौतिक परिवर्तन वह है जिसमें पदार्थ के कुछ गुण रंग, रूप आदि में थोड़ा अस्थायी परिवर्तन अवश्य हो जाता है लेकिन उसके मूल संघटन और द्रव्यमान में कोई भी परिवर्तन नहीं होता है और इस परिवर्तन के फल स्वरुप कोई भी नया पदार्थ नहीं बनता हैं।
भौतिक परिवर्तन के उदाहरण
इसके उदाहरण निम्नलिखित है जो नीचे की पंक्ति में कुछ इस प्रकार से दिए गए हैं –
- नमक का जल में विलियन
- लोहे की छड़ को अत्यधिक गर्म करना
- ठोस मोम को गर्म करने पर
- बर्फ का पिघलना
- दिन-रात का बनना
- जल का भाप/वाष्प में बदलना
- विद्युत बल्ब से प्रकाश का उत्सर्जन
नमक का जल में विलियन
जब नमक को जल के साथ मिलाया जाता है तो नमक जल में घुल जाता हैं। प्राप्त विलियन को वाष्पित कर जल को उड़ा देने पर पुनः ठोस नमक प्राप्त हो जाता हैं। इस नमक और पहले वाले नमक के गुणों में कोई भी अंतर नहीं रहता है। अतः नमक का जल में घुल कर विलियन बनना एक भौतिक परिवर्तन हैं।
विद्युत बल्ब से प्रकाश का उत्सर्जन
जब विद्युत बल्ब में विद्युत धारा प्रवाहित होता है तो बल्ब जलने लगता है लेकिन जैसे विद्युत धारा प्रवाहित होना बंद हो जाता है तो बल्ब अपने पहले की अवस्था में आ जाता हैं। अतः बल्ब का जलना Physical Changes हैं।
जल का भाप/वाष्प में बदलना
जल एक द्रव्य हैं। गर्म करने पर यह जलवाष्प में परिवर्तित हो जाता है लेकिन जलवाष्प को ठंडा करने पर वह पुनः जल में परिवर्तित हो जाता है अतः जल का भाप/वाष्प में बदलना एक Physical Changes हैं।